अफगानिस्तान में पिछले कुछ महीनों से चल रही तकरार में अमेरिका से हुई एक भारी गलती। तालिबान का क़ब्ज़ा होते ही अन्य देशों समेत अमेरिकी लोग भी अफगानिस्तान छोड़ कर जाने लगे थे इसी बीच काबुल हवाई अड्डे में सुसाइड बम धमाके में लगभग 180 लोगों की जान चली गयी थी। उन 180 लोगों में 11 अमेरिकी मरीन थे।
यह खबर मिलते ही दुनिया भर में हलचल बढ़ गयी और अमेरिका पर प्रतिक्रिया देने का दबाव भी बना। इसी के चलते पिछले महीने अमेरिका ने काबुल में ड्रोन हमले किए जिसमें 10 लोगों की मौत हुई। अमेरिकी खूफ़िया एजेंसी को मिली जानकारी के मुताबिक़ टार्गेट पर आइएसआइएस ख़ोरासन के आतंकी थे।
ISIS-K वही संगठन है जिसने काबुल में बम धमाका किया था जिसमें 11 अमेरिकी जवान शहीद हुए थे।
ड्रोन हमले में मरने वाले आतंकी नहीं बल्कि काबुल में रहने वाला एक परिवार था। हमले में मारे गए 10 लोगों में से 7 बच्चे थे। इस जानकारी को अमेरिका हाल ही में दुनिया के सामने लाया जिसके बाद हर तरफ़ से उसकी निंदा हो रही।
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