
अंडर रिकवरी में 100 रूपये प्रति सिलेंडर पर इजाफा होने के बाद से एलपीजी की कीमतें सरकार द्वारा बढ़ाई जा सकती हैं। मिली जानकारी के अनुसार सरकार की अनुमति के बाद ही होने वाले बढ़ोत्तरी का पता चल सकता है। इस समय वृद्धि दरों के बारे में साफ तौर पर कहना काफी मुश्किल है।
यदि सरकार इस की अनुमति देती है, तो गैर सब्सिडी, सब्सिडी और औद्योगिक आकार की गैस का उपयोग करने वालों के लिए यह पांचवीं वृ़द्ध होगी। बता दें कि 6 अक्टूबर को प्रति सिलेंडर के हिसाब से 15 रूपये बढ़ाए जा चुके हैं। वहीं देखा जाए तो जुलाई के बाद से 14.2 किलोग्राम सिलेंडर पर 90 रूपये की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।
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सरकार ने 100 रूपये प्रति सिलेंडर के घाटे को ध्यान में रखते हुए अभी किसी भी तरह की सरकारी सब्सिडी को अनुमति नहीं दी है। वहीं तेल की बात की जाए तो इस समय कच्चे तेल की कीमतें आसमान छू रही है। वहीं भारत में तेल खप्त भी निरंतर बढ़ रही है। जिसके चलते सरकार फिर से पेट्रोल और डीजल के दामों को बढ़ा सकती है।
सऊदी एलपीजी की दरें साठ फीसदी तक बढ़ चुकी हैं, जिससे कि एलपीजी का दाम 800 डॉलर प्रति टन तक पहुंच गया है। कच्चा तेल भी अंतरराष्ट्रीय मार्केट में 85.42 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से चल रहा है। सरकार को भी इन कंपनियों को 100 रूपये के हिसाब से नुक्सान की भरपाई करनी पड़ेगी। जिसका बोझ भी आम जनता को ही उठाना होगा। बढ़ी हुई कीमते इस घाटे को पूरा करने के लिए ही बढ़ाई जा रही है।
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