
मध्यप्रदेश में एक 46 साल की औरत और उसके 29 साल के दामाद को कोर्ट ने 10 साल की सज़ा सुनाई। आरोपी महिला ने अपने चार पड़ोसियों के ख़िलाफ़ गैंगरेप के झूठे आरोप लगाए जिसका पता पुलिस की तफ्तीश के बाद लगा, दरअसल महिला के अपने दामाद के साथ संबंध थे और उसकी अपने पड़ोसियों से ठीक नहीं बनती थी तो उन दोनों ने मिलकर चार पड़ोसियों के खिलाफ गैंगरेप की झूठी शिकायत दर्ज करवा दी।
यह घटना अगस्त 2014 की है और ये मामला मध्यप्रदेश के अशोकनगर ज़िले का है, दोषी महिला ने जब शिकायत की थी तभी चारों पड़ोसियों ने उसका झूठ पकड़ लिया और महिला के कपड़ों पर लगे सीमन की DNA जाँच कराने के लिए बोला जिसके बाद उसका भांडा फूट गया और ये पता चला की वो अपने दामाद के साथ संबंध बनाए हुए है।
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बुधवार को कोर्ट ने आरोपी महिला गुड्डी ओझा और उसके दामाद गोपाल रजक को सबूत में हेरफेर करने के लिए, झूठ बोलने के लिए 10 सालों की सजा सुनाई।
सरकारी वकील जफर कुरेशी ने इस केस को एक दुर्लभ कि इस बताया क्यों की ऐसा बहुत कम ही हुआ है कि झूठे आरोप लगाने वाली महिला को सज़ा हुई हूँ। 2014 में दर्ज हुई कंप्लेंट में महिला ने अपने चारों पड़ोसियों पर संगीन आरोप लगाए थे, उसने अपनी कंप्लेंट में ये लिखवाया था कि चारों पड़ोसी रात में उसके घर में घुस आए और उससे जबरदस्ती की। पुलिस ने तुरंत ही चारों पड़ोसियों को गिरफ्तार कर लिया लेकिन अपनो निर्दोषी साबित करने के लिए पड़ोसियों ने पुलिस से उस महिला के कपड़े पर मिले सीमन की DNA जाँच की माँग की जिसके बाद उसका DNA आरोपी महिला के दामाद से मैच हो गया।
पुलिस ने उसके दामाद गोपाल रजब को पकड़ा तो उसने पुलिस के सामने सब सच्चाई खोल दी।
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