
बुधवार को स्पेशल NIA कोर्ट ने 2013 में पटना के गांधी मैदान में हुए ब्लास्ट के लिए 9 लोगों को दोषी क़रार दिया।यह ब्लास्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान हुआ था, नरेन्द्र मोदी तब वह 2013 में प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर हुंकार रैली को संबोधित कर रहे थे।
इस ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत हो गई जबकि 89 लोग घायल हुए थे।
पुलिस ने इस घटना को अंजाम देने वाले 12 आतंकवादियों को पकड़ा था लेकिन एक व्यक्ति जिसका नाम फखरुद्दीन है उसके ख़िलाफ़ पुख़्ता सबूत न होने की वजह से कोर्ट को उसे बरी करना पड़ा। सभी नौ आरोपी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सिमी का हिस्सा थे और कोर्ट ने इनको दोषी क़रार दे दिया है। एक नवंबर को एडिशनल जिला जज और सेशन कोर्ट के जज गुरविंदर सिंह मल्होत्रा यह फ़ैसला लेंगे कि इन सभी आरोपियों की सजा की मात्रा कितनी और क्या होगी।
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सरकारी वक़ील की तरफ़ से 9 में से पाँच आरोपियों को ज़्यादा से ज़्यादा फाँसी की सज़ा दिलवाने में अपनी दलीले सुनाएंगे,ये 5 आतंकियों ने हुंकार रैली ब्लास्ट से 3 महीने पहले बोध गया में ब्लास्ट किया था जिसकी वजह से ये पांचों आतंकवादी उम्र क़ैद की सज़ा काट रहे हैं। पकड़े गए 12 आतंकियों में से एक जुवेनाइल था।
सरकारी वक़ील ने कोर्ट में दलील यह रही कि इन आतंकियों का मक़सद नरेंद्र मोदी को बम ब्लास्ट से मारने का था लेकिन जब उन्होंने देखा की सुरक्षा घेरा ज़्यादा है तो इन लोगों ने फिर इस घटना को अंजाम नहीं दिया। आपको बता दें की नरेंद्र मोदी तब गुजरात के मुख्यमंत्री थी और प्रधानमंत्री के उम्मीदवार थे जब ये ब्लास्ट हुए थे।
2013 में हुई नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान राँची में एक आतंकवादी ने सुसाइड वेस्ट टेस्ट करने के दौरान गलती से ब्लास्ट कर दिया था और उसकी वजह से एक इम्तियाज़ नामक आतंकवादी घायल हो गया था। पुलिस को इस बात की सूचना मिली और उन्होंने इम्तियाज़ को गिरफ़्तार कर लिया जिसके बाद पटना में होने वाले सीरियल ब्लास्ट का भांडा फोड़ा और कई लोगों की जान बचायी थी।
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