
कश्मीर घाटी में एक बार फिर कश्मीरी पंडित हुए अपने घर छोड़ने पर मजबूर। पिछले 6 दिनों में 7 अल्पसंख्यकों की हत्याओं ने जम्मू काशमीर के साथ साथ पूरे देश को हिला दिया है।
जाने माने केमिस्ट मक्खन लाल पंडिता की हत्या के बाद स्कूल की प्रिंसिपल और गोलगप्पे वाली की हुई हत्या ने सरकार को भी चिंता में दाल दिया है।
इन हत्याओं की जिम्मेदारी रेजिस्टेंस फ्रंट(TRF) ने लिया है और सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक आने वाले समय में और भी हमले हो सकते हैं।
कश्मीर में हो रहे अल्पसंख्यकों की हत्याओं के खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर पर कश्मीरी पंडितों ने जम कर प्रदर्शन किया। घाटी में भी सीख समुदाय के लोगों ने जमकर नारेबाजी की और इंसाफ़ की गुहार लगायी।
यह पूरी घटना के बाद कश्मीरी पंडित एक बार फिर मजबूर हो गए हैं घाटी छोड़ने के लिए, बचे कूचे लोग अपने घर के बाहर पोस्टर चिपका रहे जिसके बाद सरकार के लिए भी चिंता बढ़ गयी है और उन्होंने सबसे आग्रह किया है की वो ऐसा ना करें।
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